July 23, 2024

भोजपुरी सिनेमा का गिरता स्तर; जिम्मेदार कौन ? 

भोजपुरी सिनेमा अपनी अश्लीलता के लिए प्रसिद्द है | अश्लीलता और फूहड़ता से भरी ये फिल्मे भोजपुरी सिनेमा का स्तर गिराने में कोई कसर नहीं छोड़ा है | अश्लील गानो की वजह से पूर्वांचल की छवि ख़राब हो रही है | बहोत लोग इसका विरोध करने से भी डरते हैं | इस सांस्कृतिक पतन के क्या कारण हो सकते हैं ? जब हमने इसके बारे में बारीकी से जानने की कोशिश की तो इसके कई कारण सामने आये |

एक जमाना था जब भोजपुरी फिल्मों की एक अलग ही पहचान थी | नदिया के पार, राम तेरी गंगा मैली उनमे से कुछ प्रसिद्ध भोजपुरी फिल्म हैं जिसे आज भी लोग देखना पसंद करते हैं और उस दौर को याद करते हैं |

लेकिन आज जमाना बदल चुका है | सबके हाथ में मोबाइल है , इंटरनेट है | चंद मिनटों में एक वीडियो या फिल्म बनकर तैयार हो जाती है | आजकल के भोजपुरी फिल्मों या गानों में अश्लीलता की कोई सीमा नहीं होती | भोजपुरी गानों को देख लें तो आपने मन में एक अलग ही भाव उठने लगता है | 

अश्लीलता के मुख्य कारण

सही व्यवस्था की कमी

यदि हम इसके मुख्य कारण पर ध्यान दें तो हम पाएंगे कि सही व्यवस्था की कमी युवाओं को दिशाहीन कर रही है | उसी का परिणाम है की लोग पैसे कमाने के लिए अपनी संस्कृति और समाज को किनारे करने लगे हैं |

प्रतिभा की कमी

आजकल प्रतिभा पर अश्लीलता भारी है | फ़िल्मी कलाकार में अपना कोई टैलेंट नज़र नहीं आता | आजकल कोई गाना बना रहा है | हर कोई म्यूजिक डायरेक्टर है , कोपोज़र है | राइटर है | उसका कोई थीम नहीं होता | कोई टैलेंट नहीं दिखता | 

रोजगार की कमी

बेरोजगारी अश्लीलता को बढ़ावा मिलने का एक प्रमुख कारण है | रोजगार न होने कि कारण आज का युवा अन्य विकल्प ढूढ़ रहा है | अश्लील वीडियो को वायरल क्ररके पैसे कमाना आसान है | कुछ भी वीडियो बनाकर अपलोड कर रहे है |  जितना अश्लील गाना उतना ज्यादा लोग देखेंगे | हर गली मुहल्लों में लोग कुछ भी गाने सुनते और सुनाते हैं | DJ की धून पर कुछ भी सुन रहे हैं | ये सोच युवावों को अश्लील गाने बनाने के लिए प्रेरित करती है | 

जागरूकता की कमी

लोग अपनी संस्कृति के प्रति जागरूक नहीं हैं ? जहा लोग अपनी संस्कृति के प्रति जागरूक नहीं होते उनका पतन होना निश्चित है | इतिहास गवाह है | तो क्या पूर्वांचल के लोग ऐसे ही अश्लील वीडियो और फिल्मे बनाने रहेंगे ? क्या यहाँ कि पहचान अश्लील फिल्मों से होगी ? 

पूर्वांचल की संस्कृति और पहचान

यहाँ की क्षवि ख़राब होना शर्मिंदगी की बात है | कहीं न कहीं ये हमारी संस्कृति और सभ्यता को धूमिल करने वाली बात है | अश्लील गानो पर लगाम लगाना जरुरी है |

सरकार की जिम्मेदारी

भोजपुरी फिल्मों को लेकर सरकार को कुछ ठोस कदम उठान चाहिए | अश्लीलता हमारी पहचान नहीं हो सकती | इसका विरोध होना ही चाहिए |

  1. एक्टिंग स्कूल की स्थापना हो | 
  2. पूर्वांचल के स्थानीय कला को प्रोत्साहन मिलना चाहिए | 
  3. यूट्यूब सबसे अच्छा माध्यम है | बचूं को युवावों को अपने कला को लेकर सोशल मीडिया पर आना चाहिए जिससे उनके कला को लोग पहचाने और उचित स्थान मिल सके | 
  4. पूर्वांचल की संस्कृत और परंपरा को बचाये रखने और आगे बढ़ाने वाले कलाकारों को प्रोत्साहन मिलना चाहिए | 

सामाजिक जिम्मेदारी

लोगों का ध्यान आकर्षित करने के लिए सार्वजनिक मंचों से इसका खुल कर विरोध होना चाहिए | इसके लिए सामाजिक संगठनो को भी आगे आना चाहिए और सरकार के सामने इस बात को उठाना चाहिए |

पूर्वांचल का क्षेत्र अपनी ऐतिहासिक, धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत के लिए जाना जाता है | यहाँ भगवान राम की जन्मभूमि है | देश और दुनिया से लोग यहाँ घूमने और दर्शन करने आते हैं | भोजपुरी सिनेमा की वजह से यहाँ की क्षवि ख़राब होना दुर्भाग्यपूर्ण है |