July 23, 2024

संकट मोचन मंदिर का इतिहास और विशेषता

देश के ऐतिहासिक मंदिरों में शामिल काशी के संकट मोचन मंदिर | भोलेनाथ के दूसरे रूप हनुमान यहाँ संकट मोचन के रूप में दर्शन देते हैं | क्यों संकट मोचन मंदिर में लोगों की आस्था इतना ज्यादा है | अगर आप हनुमान जी के प्रति गहरी आस्था रखते हैं तो ये पोस्ट आपके लिए हैं | आइये जानते हैं संकट मोचन मंदिर के बारे में कुछ रोचक बाते जो आप नहीं जानते होंगे |

संकट मोचन का अर्थ है संकटों या दुखों को दूर करने वाला। हनुमान अपने भक्तों को कभी निराश नहीं करते | ऐसा कहा जाता है कि अगर आपके जीवन में सफलता नहीं मिल रही है तो आप संकट मोचन हनुमान कि शरण में आ जाइये | शायद यही वजह है कि काशी के छात्र, व्यापारी या आप नौकरी पेशा हो, हर किसीके चाहते संकट मोचन हनुमान हैं |

संकट मोचन मंदिर की विशेषता

यह वाराणसी, उत्तर प्रदेश, भारत में स्थित है। यह दुर्गाकुंड और नए विश्वनाथ मंदिर के रास्ते पर बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के पास स्थित है। इस मंदिर की एक अद्भुत विशेषता यह है कि भगवान हनुमान की मूर्ति इस तरह स्थापित की गई है कि वह भगवान राम की ओर देख रहे हैं | संकट मोचन महाराज के हृदय के ठीक दिशा में श्री राम लला की मूर्ति विद्यमान है, ऐसा प्रतीत होता है कि संकट मोचन महाराज के हृदय में श्री राम सीता जी विराजमान हैं। मंदिर के प्रांगण में एक अत्यंत प्राचीन कुआँ है, जिसके बारे में कहा जाता है कि यह संत तुलसीदास के समय का है | भक्त इसी कुएँ का ठंडा जल ग्रहण करते हैं। भगवान हनुमान की मूर्ति की खासियत यह है कि यह मूर्ति मिट्टी से बनी है। हनुमान जी के गले में गेंदे और तुलसी की माला सुशोभित है। शुद्ध घी से बने बेसन के लड्डू भगवान हनुमान को प्रसाद के रूप में चढ़ाए जाते हैं।

संकट मोचन मंदिर का इतिहास

देश के ऐतिहासिक मंदिरों में शामिल काशी के संकट मोचन मंदिर का इतिहास करीब 400 साल पुराना है। कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 1631 से 1680 के बीच हुआ था। इसकी स्थापना तुलसीदास ने की थी। ऐसा माना जाता है कि जब वह काशी में रहकर रामचरितमानस लिख रहे थे, तब उनके प्रेरणा स्रोत संकट मोचन हनुमान थे। कहा जाता है कि यहां आने वाले भक्तों के सभी कष्ट हनुमान जी के दर्शन मात्र से दूर हो जाते हैं। इस मंदिर में हनुमान ने राम भक्त गोस्वामी तुलसीदास को दर्शन दिए थे, जिसके बाद बजरंगबली ने मिट्टी का रूप धारण किया और यहीं स्थापित हो गए।

भक्तों के संकट मोचन हनुमान जी

मंदिर परिसर में प्रवेश करते ही आप यहाँ की सकारात्मक ऊर्जा को महसूस कर सकते है | ढोल और झाल के साथ लोग झूम झूम कर हनुमान चालीसा और सुन्दरकांड का पाठ करते नजर आ जायेंगे | मंगलवार और शनिवार के दिन संकट मोचन मंदिर परिसर के आसपास के अलग ही माहौल होता है | इस विश्वास के साथ हर मंगलवॉर और शनिवार को संकट मोचन मंदिर में लोग दर्शन के लिए आते हैं | सुंदरकांड और हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं और आरती में सम्मिलित होते हैं |

छात्रों के संकट मोचन हनुमान जी

हनुमान जी एक बाल ब्रह्मचारी हैं | पढाई कर रहे छात्रों का हनुमान जी के प्रति गहरी श्रद्धा है | संकट मोचन में सबसे ज्यादा भीड़ पढ़ने वाले बच्चों कि होती है | स्टूडेंट्स सबसे ज्यादा संकट मोचन मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं | नियमिन दर्शन करने वाले को जीवन में जरूर सफलता मिलती है | मान्यता के अनुसार काशी में अपने करियर को बनाने आ रहे है जो हनुमान जी के सरन के रहिये | आपको करियर में सफलता जरूर मिलेगी |

हनुमान जयंती

हनुमान जयंती के अवसर पर यहाँ विशेष आयोजन देखने को मिलता है | यहां हनुमान जयंती बहुत धूमधाम से मनाई जाती है| इस दौरान एक विशेष जुलूस निकाला जाता है जो दुर्गाकुंड से सटे ऐतिहासिक दुर्गा मंदिर से संकट मोचन तक चलाया जाता है।

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